गुरुवार, 7 अप्रैल 2022

व्याख्यान अवचेतन मन की शक्ति

दिनांक 7 अप्रैल 2022 समय दोपहर  1:00 बजे से
स्थान  स्वर्ण जयंती सभागृह  डां गौर  विश्वविद्यालय परिसर सागर।     
आयोजक प्लेसमेंट स्टार्टअप एंड स्किल डेवलापमेंट सेल एवं मानविकी व समाज विज्ञान संकाय 
   सभागृह मे बैढे श्रोतागण

स्वागत भाषण अंबिका दत्त शर्मा भाषण किसी पर कहानी क्यों लिखी जाए 
आपके पास और आपके संपूर्ण सोच में एक ऐसी शक्ति है जिसे हम और अवचेतन मन की शक्ति कहते हैं और सोच को समझना और उसके अनुसार काम करना या उसको अपने अनुसार काम कराना यह सब चेतन मंन ऊपर होता है चेतन और अवचेतन मन मिलकर ही आपको अपने आसपास के वातावरण को और आप जैसा सोचते हैं वैसा बनाता है यह बिल्कुल सत्य है ठीक है संसार में ऐसे कई उदाहरण हैं आप अपने आप में आप जो भी सोचते हैं आप उस काम को उसी दिन कर देते हैं लेकिन बस आप उस धारा पर चलते-चलते आप उस दिन का इंतजार करते हैं जिस दिन आप उस में सफल होते हैं सबसे पहले कोई आपके अंदर विचार आया कि मुझे यदि दिल्ली जाना है तो आप वहां पहुंच गए बशर्ते आप उसके अनुसार चले तभी पहुंच पाए नहीं तो संसार में ऐसे कई अनेकों काम आ जाते हैं व्यक्ति के पारिवारिक सांसारिक जिन वजह से वह पीछे हटते जाता है और उसका काम नहीं बनता संसार में इस प्रकार से कई उदाहरण हैं जहां में देखने को मिलते ही रहते हैं  अभचेतन मन की शक्ति को समझना और उस पर अमल कर कर चलना कोई कठिन काम नही हैऔर संयम से अपना काम करें तभी आप चेतन मन की शक्ति को समझ पाएंगे अवचेतन मन की शक्ति वह शक्ति है संसार है यह पूजा का पूरा ब्रह्मांड अवचेतन मन की शक्ति है और अवचेतन मन को समझें उस पर अमल करें उस पर कार्य करने की इच्छा करें ध्यान योग नियम संयम सबसे पहली अच्छी सोच विचार धाराओं को बदलें इससे आप अपने अवचेतन मन की शक्ति को एक संगठित रूप में शक्ति के रूप में विकास कर पाएंगे ऐसे जो सोचेंगे तो हमेशा सकारात्मक सोच करें किसी भी समय आप उल्टा ना सोचे जब आप बोलते हैं कि यार मेरा साथ तो ऐसा ही होगा मेरी किस्मत खराब है तो आपका अवचेतन मन एक्टिव हो जाता है और उसको चेतन मन के संकेत का इंतजार होता है और लगातार इसी तरह आप कहीं ना कहीं मेरे काम बिगड़ रहे हैं यह एक संकेत है आप ऐसा वातावरण बनाए जिससे आपका चेतन अवचेतन मन जो भी आपसे मुंह से निकलता है जो आपकी वाणी से निकलता है वह इस ब्रह्मांड में संगठित होता जाता है और आपके लिए वह दुगनी ताकत के साथ पुनः वापस आता है इसलिए इस बात को समझें और हमेशा अपने बारे में अच्छा सोचे तभी आप कुछ एक नया और एक अच्छा कर पाएंगे क्योंकि आपका चेतन मन केवल और केवल 5% काम ही करता है और अवचेतन मन 95% काम करता है इसलिए इस बात को बिल्कुल भी अपने दिमाग से हटा दें दिल दिमाग सोचने की भी प्रक्रिया चेतन और अवचेतन मन है कभी-कभी हम कहते हैं कि यार दिल तो कह रहा है कि ऐसा कर लो लेकिन दिमाग काम नहीं कर रहा जो दिल है वही अवचेतन मन है इसलिए इस बात को समझें सकारात्मक ऊर्जा के साथ अपने हमेशा निर्णय लें सफलता आपके साथ होगी हमेशा अच्छा सोचें अच्छा विचार करें कभी अपने बारे में बुरा ना कहीं कम से कम अपने आप से तो बिल्कुल भी नहीं क्योंकि ऊर्जा ना तो कभी नष्ट की जा सकती है और ना ही कभी उत्पन्न की जा सकती है केवल और केवल इसका रूप रूपांतरण ही होता है





धन्यवाद दोस्तों 
मैं पुष्पेंद्र सिंह